बताऊँ क्या उस फूल की दास्ताँ
लोग कहते हैं गुलाब जिसको
लोगों ने देखि तो उसकी खूबसूरती
उसका दर्द किसी ने ना जाना
चलो मैं सुनाती हूँ उस फूल की दास्ताँ
Thursday, July 5, 2007
Just Like That
Raaz dil ka dil mein chupate hai woh, Samne aate hi nazar jhukate hai woh, Baat karte nahi, ya hoti nahi, Par shukar hai jab bhi milte hai muskurate hai woh.
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